Wednesday, 19 August 2015

मुंबई मेरी जान

ये मुंबई है मेरी जान,
जिंदादिली है इसकी पहचान |

जिंदगीकी यहा तेज है रफ्तार,
जिसमे खुद वख्त भी गिरफ्तार |

हर चीज की यहाँ होती नुमाईश,
हर दिल में एक अधुरी ख्वाइश |

मेहनत परस्त अगर है  इंसान,
मंजिल पाना  है बहोत आसान |

इमान है धरम, इमान है करम,
बेईमानी भी मगर पलती है बेशरम |

लाखो दिलो मे यहा है  ईन्सानियत,
मौजूद है फिर भी शर्मनाक हैवानियत |

अमिरी गरिबी में  जरूर है फासले,
फिर भी जीनेके के है सबमे बुलंद हौसले |

कभी अजनबीको, है अपनाती,
अपनोंको कभी पराया बनाती |

रोती न सोती, सबको लुभाती,
जिंदगी से भी लोहा मनवाती |

समझना नही आसान,
ये है बंबई मेरी जान |
........... निलिमा देशपांडे.p 

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