Monday, 29 February 2016
Sunday, 28 February 2016
Friday, 26 February 2016
Monday, 22 February 2016
Monday, 15 February 2016
बचपन
मुझे याद हैं •••••
कल तक , था एक बचपन,
हसता, खेलता, मेरे ऑंगन ।
छोटी सी बात पर रोता, रूठता ,
बिना किसी बात पर खिलखिलाकर हसता ।
दुनिया से बेखबर ,
दूनियादारी से बेअसर ।
ऑंखो में मासुमियत,
ढेर सारी दुलार कि चाहत ।
जीने के प्रति विश्वास ,
जिंदगी से भरी , हर साॅस ।
वो बचपन••••
गले में बाहें डालकर बिलगता,
" पापा " कहकर पुकारता ।
और मैं ••••
घर की दहलीज के भीतर जब भी आता,
सारी परेशानियों को , भूल जाता|
मानो समय को रोक लेता,
बस्स ! सारी जिंदगी,उसी पल मे जी लेता ।
और फिर आज अचानक ••••
वो प्यारासा बचपन हुआ था , लापता,
दरवाजे की दस्तक पुंछ रही थी , मेरा पता ।
अजनबी कोई, पुरानी पहचान जताता,
ऑंखो से ,वही प्यार बरसाता ।
पर अब बातों में था आत्मविश्वास,
खुद की शक्सियत का एक एहसास ।
मुस्कान तो वही थी, प्यारीसी ,
पर अब लग रहीं थीं, थोड़ी सयानीसी ।
" पापा " ! ••अरे , ये पुकार भी तो वही थी,
पर अब गले लगने में, हिचहिचाहट क्यों थी ?
ढुंढ रहा था मैं, उस बचपन का साया,
नासमझ मैं, इतना भी समझ न पाया •••••
वही तो थी , मेरी नन्ही सी गुड़िया,
न जाने कब , बड़ी हो गयी मेरी बिटिया ।
•••••••••••••निलिमा देशपांडे।
Tuesday, 9 February 2016
Thursday, 4 February 2016
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